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'अपनी माटी' अगस्त-2013 अंक 15 Aug 2013 | 04:26 pm

अगस्त-2013 चित्र-दीपिका माली,उदयपुर मित्रो, नमस्कार, सबसे पहले तो आपको आज़ादी के इस पर्व की बहुत सारी शुभकामनाएं।लग रहा था ये दायित्व का एक ज़रूरी निपटान है मानों इसके बगैर झंडा फहरने से मना कर दे.....

सम्पादकीय:बोल कि शब्द आज़ाद हैं तेरे 15 Aug 2013 | 03:48 pm

अगस्त-2013 अंक चित्र: मुकेश शर्मा " एक समय था मैं सोचता था कि लेखक के रूप में मेरा संसार बहुत बड़ा है।  रवीन्द्र, शरत, प्रेमचंद, मंटो, चेखव, टॉलस्टॉय, गोर्की, बालज़ाक और ऐसे अनेक नामों की दुनिया थ.....

झरोखा:फ़ैज़ अहमद फ़ैज़ 15 Aug 2013 | 03:47 pm

अगस्त-2013 अंक फ़ैज़ अहमद फ़ैज़ फ़ैज़ साहेब की कुछ ज़रूरी नज़्में बोल कि लब आज़ाद हैं तेरे बोल कि लब आज़ाद हैं तेरे बोल ज़बाँ अब तक तेरी है तेरा सुतवाँ जिस्म है तेरा बोल कि जाँ अब तक् तेरी है ....

सम्पादकीय:करिए छिमा 15 Jul 2013 | 08:24 pm

जुलाई-2013 अंक साहित्यकार गौरा पंत ‘शिवानी’ हिंदी की सुप्रसिद्ध लेखिका शिवानी जी की एक मर्मस्पर्शी कहानी है- 'करिए छिमा' वैसे तो भिन्न सन्दर्भ में तुलसी बाबा ने लंका-काण्ड में  'करिए क्षमा' शब्द द्....

झरोखा:फणीश्वरनाथ रेणु 15 Jul 2013 | 08:24 pm

जुलाई-2013 अंक फणीश्वरनाथ रेणु की कहानी:एक आदिम रात्रि की महक फणीश्वरनाथ रेणु न ...करमा को नींद नहीं आएगी। नए पक्के मकान में उसे कभी नींद नहीं आती। चूना और वार्निश की गंध के मारे उसकी कनपटी के पा....

'अपनी माटी' जुलाई-2013 अंक 15 Jul 2013 | 07:57 pm

अपनी माटी के मित्रो, पाठक और लेखक साथियो नमस्कार इस दौर को विकट कहकर माहौल को निराशाजनक करार देने का मेरा मन है नहीं। असल में चीज़ें जिस तरह से बदल रही हैं तो हमारे लिए कुछ साइड इफेक्ट्स को संभावित ...

'अपनी माटी' जून-2013 अंक 15 Jun 2013 | 09:51 pm

    E-mail ,Website Facebook ,Subscribe , Twitter साथियो नमस्कार 'अपने माटी' जैसी नयी और नवाचारी ई-पत्रिका को बीते दो अंकों में ही पाठक साथियों का खूब स्नेह मिला है।हम अपने आप को तब से ही ज्यादा जि...

सम्पादकीय: हर हिमालय से कोई गंगा निकलनी चाहिए 15 Jun 2013 | 09:32 pm

जून-2013 अंक कवि,चिन्तक और ओजस्वी पत्रकार माखन लाल चतुर्वेदी माखनलाल चतुर्वेदीजी की कृति 'साहित्य-देवता' के बारे में रामधारी सिंह 'दिनकर' जी ने कहा था " भारतीय भाषाओं में तो ऐसा विलक्षण ग्रंथ है ही...

झरोखा:माखन लाल चतुर्वेदी 15 Jun 2013 | 09:08 pm

जून-2013 अंक (यह रचना पहली बार 'अपनी माटी' पर ही प्रकाशित हो रही है।इससे पहले के मासिक अंक अप्रैल और मई यहाँ क्लिक कर पढ़े जा हैं।आप सभी साथियों की तरफ से मिल रहे अबाध सहयोग के लिए शुक्रिया कहना बहुत ...

कहानी:मुख्यधारा / योगेश कानवा 25 May 2013 | 08:30 pm

जून 2013 अंक योगेश कानवा कविता और कहानी में सधा हुआ हाथ है। आकाशवाणी चित्तौड़गढ़ में कार्यक्रम अधिकारी है। मूल रूप से जयपुर के हैं। मेडिकल सेवाओं में रहने के बाद सालों से आकाशवाणी में हैं। ती...

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