Blogspot - anvarat.blogspot.com - अनवरत

Latest News:

सभी तरह के मीडिया के कर्मचारियों को वर्किंग जर्नलिस्ट एक्ट से कवर करने की लड़ाई लड़ी जानी चाहिए 24 Aug 2013 | 10:09 pm

मीडियाकर्मियों को जिस तरह 300 और 60 की बड़ी संख्या में नौकरी से निकाला गया है उस से यह बात स्पष्ट होती है कि पूंजीवादी आर्थिक ढाँचे में कर्मचारियों और मजदूरों को कानूनी संरक्षण की आवश्यकता रहती है। इस...

कोई कारण नहीं कि जल्दी ही ... उस का बाहर निकलने का सपना भी सिर्फ सपना रह जाए 23 Aug 2013 | 11:10 pm

  देश में कुछ लोग हैं जो खुद को कानून से अपने आप को ऊपर समझते हैं। उन में ज्यादातर तो कारपोरेट्स हैं, वे समझते हैं कि देश उन के चलाए चलता है। वे जैसा चाहें वैसा कानून बनवाने की ताकत रखते हैं। राजनेताओ...

डॉ. धाभोलकर की इस हत्या रंग लाएगी, एक दिन दुनिया अंधश्रद्धा से निर्मूल अवश्य होगी। 20 Aug 2013 | 08:08 pm

महाराष्ट्र सरकार शीघ्र अन्धश्रद्धा निर्मूलन कानून बनाए अंधविश्वास और काले जादू के ख़िलाफ़ मुहिम चलाने वाले डॉ. नरेन्द्र धाभोलकर पुणे स्थित अपने निवास से सुबह की सैर के लिए निकले थे कि औंकारेश्वर पुल ...

अर्जेंटीना की मेहरबानी से भारत को विश्वकप में प्रवेश का अवसर ...बीजी जोशी 19 Aug 2013 | 08:06 am

विश्व कप में प्रवेश के लिए एशिया कप जीतना जरूरी नहीं जायंट किलर अर्जेंटीना ने चौथे पैनअमेरिकी हॉकी कप के फाइनल में कनाडा को ४-० से रौंद कर भारत के विश्व कप हॉकी में खेलने की संभावनाएं बढाई है। अब भार...

क्या लोग जनता की जनतांत्रिक तानाशाही नहीं चाहते हैं? 10 Aug 2013 | 01:28 pm

आम लोग आम भाषा में बात करते हैं। भारत में रावण बुराइयों का प्रतीक है। लेकिन आम लोग आप को उस की बढ़ाई करते मिल जाएंगे। यह कहते हुए मिल जाएंगे कि वह बहुतों से अच्छा था। लेकिन जब वे इस तरह की बात करते है...

वानर के नर बनने में श्रम की भूमिका - फ्रेडरिक एंगेल्स 8 Aug 2013 | 03:47 pm

मनुष्य के हाथ श्रम की उपज हैं। अर्थशास्त्रियों का दावा है कि श्रम समस्त संपदा का स्रोत है। वास्तव में वह स्रोत है, लेकिन प्रकृति के बाद। वही इसे वह सामग्री प्रदान करती है जिसे श्रम संपदा में परिवर्ति...

भाई ने भाई मारा रे 6 Aug 2013 | 10:59 pm

Normal 0 false false false EN-IN X-NONE HI MicrosoftInternetExplorer4 महेन्द्र नेह ने पिछले दिनों कुछ पद लिखे हैं, उन में से एक यहाँ प्रस्तुत है। उन के अन्य पद भी आप अनवरत पर पढ़ते रहेंगे। .....

प्रेमचन्द की कहानी 'बालक' 5 Aug 2013 | 10:14 am

प्रेमचन्द की इस कहानी को ले कर 4 अगस्त के जनसत्ता में किसी 'धर्मवीर' ने अपने लेख "हम प्रेमचंद को जानते हैं" के माध्यम से कानून और नैतिकता के सवाल खड़े किए हैं और प्रेमचन्द की प्रगतिशीलता को उछाला है। ...

राजनीति के विकल्प का साहित्य रचना होगा। 3 Aug 2013 | 08:41 pm

  -अशोक कुमार पाण्डे "प्रेमचन्द जयन्ती पर साहित्य, राजनीति और प्रेमचन्द पर परिचर्चा" 'विकल्प' जन-सांस्कृतिक मंच, कोटा द्वारा  प्रेमचन्द के जन्मदिवस पर आयोजित परिचर्चा रविवार 28 जुलाई को दोपहर बा...

धरती पिराती है 3 Jul 2013 | 06:46 pm

'कविता' धरती के अंतर में धधक रही ज्वाला के धकियाने से निकले गूमड़ हैं, पहाड़ मदहोश इंसानो! जरा हौले से चढ़ा करो इन पर धरती पिराती है, जब भी पक जाते हैं, गूमड़ तो फूट  पड़ते हैं। दिनेशराय द्विवे...

Related Keywords:

दूध, एक लिंग समान समाज की ओर, सुप्रभात !!, नवभारत टाइम्स 12/04/2011, साफ सफाई रसोई घऱ, सुप्रभात, gujrati satire, दोजख, राहतें और भी हैं वस्ल की राहत के सिवा

Recently parsed news:

Recent searches: