Blogspot - duniyarangili.blogspot.com - अहसासों का रंगमंच

Latest News:

एक अनबुझ पहेली 12 Aug 2013 | 09:50 am

गुमां हुआ तब , जब बात मोहोब्बत की होने लगी  , चर्चा जब देश पर हुई तो फिर पन्ने पलटने लगी  | बेफिक्र घरों में बैठ गुफ्तगू यहाँ - वहां की होती रही , सरहद में चली गोलियां तो माँ की कोख उजडने लगी  | क्य...

मौसम 3 Aug 2013 | 01:02 pm

फिर जवां होगी , नई बयार पेड़ - पौधों से होकर अंगीकार नई कोंपले सर उठायेंगी नया किरदार फिर निभाएंगी पतझड़ दिल दुखायेगा पेड़ों से पत्ते उड़ा ले जायेगा हवा भी करतब दिखायेगा टूटे - तिनकों को बिखरा जाए...

सफ़र 31 Jul 2013 | 11:36 am

किस कदर दोहरी संस्कृति है ये जहां तात्कालिक लाभ हो वहां हम आधुनिक ... वैसे पूरी मनोरचना में पुरातन क्या तुम्हे नहीं लगता ? हाँ कुछ ऐसे ही तो जीवन बसर करते हैं हम लोग सत्य को खोजने के लिए हमने सुविधापर...

पल - पल बदलता वक़्त 23 Jul 2013 | 12:04 pm

लम्हा - लम्हा जिंदगी कुछ यूँ सिमट गई , जो मज़ा था इंतजार में अब सज़ा बन गई | दर्द और ख़ुशी के बीच दूरियां जो बड गई , दिलो के दरमियाँ मोहोब्बत कम हो गई | चिठ्ठी - तार बीते जमाने की बात हो गई , आधुनिक...

चर्चा सरे आम कर दिया .... 8 Jul 2013 | 10:18 am

जब - जब सांस ली दिल का राज़ बयाँ कर दिया , वो समझा दिल्लगी चर्चा सरे आम कर दिया | उसने कहा हमने सुना अरमानों को दफ़न कर दिया , वो समझा कमजोरी हमें अपना गुलाम कर दिया | झुका कर निगाहें हमने उन्हें सल...

सबक 5 Jul 2013 | 10:53 am

हर तरफ शोर सुन धरा ने निर्णय था लिया , बादलों को बगावत का प्रस्ताव लिख दिया | उमड़ - घुमड़ के शोर ने हर शोर को दबा दिया , मूक तांडव ने इंसानी ज़ज्बातों को जगा दिया | ऐसे भिगोया धरा को की लहुलुहान कर...

" खुदा का कहर " 28 Jun 2013 | 08:08 pm

धू - धू कर बेख़ौफ़ जलने लगी लाशें , धर्म के नाम पर जहां होती थी बातें | अब बताओं न ... क्या होती है ये श्रद्धा ? किसे कहते हैं धर्म ? मंदिर , मस्जिद की चौखट में बैठकर एक २ श्लोक पर पैसों की बोली ? ब....

वो गुमनाम पल 12 Jun 2013 | 12:00 pm

सुनो , याद करो न वो फुर्सत का पल जब हम सिर्फ और सिर्फ एक दुसरे के लिए जियें हों , जब हमारे बीच में हम दोनों की बातें हुई हों , सच कहूँ , मैं तो सोच - सोचकर थक गई पर ... याद ही नहीं आया वो पल जब हम एक ...

Untitled 4 Jun 2013 | 11:36 pm

हाइकु ***** तू , मैं पहेली संगी साथी सहेली चल अकेली | ********* जीवन प्यास मन में उल्लहास मन उदास | ********** दिल में आग नफरत का राग कर दे राख | ********** हुआ अँधेरा फिर आया सवेरा जीवन फेरा | ******...

हाइकु 27 May 2013 | 02:18 pm

मन का मीत जीवन में संगीत यही है प्रीत ____*_____ जीवन नैया चल दूर खिवैया ओ मेरे सैयां ____*______ सुन्दर कली फूल बन के खिली बिदाई भली ____*_______ जीवन डोर पकड़ दूजे छोर न कर शोर _____*______ न...

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navneet jangra

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