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Untitled 9 Feb 2012 | 01:47 am

झरना झरता जाये, झरना निरंतर, गाता सस्वर ! गीत गूंजते, मिल नाचे उर्मियाँ, खिले नयन ! सुन्दर शोभा, बहे पानी निर्मल, जगे झरना ! खूब नहाये, है आनंद मनाये, खिलखिलाएँ ! मधुर गीत, झरने के संग में, गाये ...

Untitled 1 Feb 2012 | 05:23 pm

तस्वीर समय की शिला पर मधुर चित्र बसे, किसी ने बनाये किसी ने मिटाया उसे ! किसी ने लिखी आँसूंओं से कहानी, किसी ने बहाया उसमें दो बूँद पानी ! इसी में बीत गए दिन ज़िन्दगी के, रंगों-भरी तस्वीर बेरंग-सी ...

Untitled 17 Jan 2012 | 12:07 am

आरज़ू कहीं दूर वादियों में, काश हम तुम होते, बेपन्हा मोहब्बत की कशिश, हम दोनों आँखों से कहते ! जो देखना चाहे हमें देखे, न करें हम किसीकी परवाह, हम दोनों हो जाएँ चलो, कुछ देर के लिए गुमराह ! आरज़ू थी ...

Untitled 10 Jan 2012 | 07:38 am

चाँदनी रात चाँदनी रात, महकी हुई फिज़ा, रोशनी छायी ! प्रतिबिम्ब सा, अद्भुत नज़ारा, खोए हुए नयन ! प्रकाश छाये, अँधेरा उज्जवल हो, करूँ प्रतीक्षा ! जीवन मेरा, तुम बिन अधूरा, तन्हा-सा लगे ! देखूँ चाँद ...

Untitled 4 Jan 2012 | 05:43 am

नव वर्ष ये नव वर्ष, नया रंग ले आए, ख़ुश्बू फैलाये ! मिलके रहें, सबको खुशियाँ दें, न करे बैर ! रिश्ते निभाए, अपनापन बढ़े, साथ न छूटे ! नया दिन हो, नयी सोच के साथ, कदम चलें ! ख़्वाब हो पूरे, अरमां ज...

Untitled 25 Dec 2011 | 12:34 am

मोहब्बत भरी ज़िन्दगी कभी करती है आँख मिचौली, कभी सजाये सपनों की डोली, शरारत उम्र भर करती ही रहती, है ये मोहब्बत भरी ज़िन्दगी ! कभी खुशियों का मेला लगता है, कभी जीवन झमेला लगता है, कभी चुराए हमसे ये ...

Untitled 18 Dec 2011 | 11:53 pm

वर्षा ऋतु भीषण गर्मी, तपती है धरती, है परेशान ! नभ की ओर, आँखें लगाए सभी, करते दुआ ! वर्षा की रुत, सूखा पड़ा है खेत, किसान दुखी ! मेघ गरजा, मुसलाधार वर्षा, धरा मुस्काई ! झूमता मन, रिमझिम के गीत, ...

Untitled 13 Dec 2011 | 07:52 pm

तूफ़ान हर ख्वाइश पूरी हो जिसकी ऐसा कोई इंसान नहीं, हर कदम पे हार जाये कुछ भी हो वह तूफ़ान नहीं ! जीतना है अगर तो हारने पर हिम्मत न टूटे, जीवन में किसी मुकाम पर हौसला न छूटे ! वक़्त भले ही कम हो पर जान...

Untitled 5 Dec 2011 | 08:17 pm

प्रकृति का दृश्य नीले नभ में, उड़े पंख फैलाये पंछी, मन को भाये ! सिसकी हवा, उड़ चल रे पंछी, नीड़ पराया ! आस है मुझे, पंछी जैसे मैं उडूं, विश्व में घूमूँ ! धरा की धूल, छूने लगी आकाश, हवा के साथ ! उ...

Untitled 28 Nov 2011 | 06:09 pm

उन शहीदों को नमन आज फिर बाँका सिपाही, जंग में इक मर गया, जाते-जाते साँस अपनी, नाम माँ के कर गया ! झेल कर सीने पे अपने, दुश्मनों के वार को, फूल बूढ़ी माँ की बगिया का यकायक झर गया ! जिंदगी कैसे कटेगी,...

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बहुत जल्द मेरी सुंदर

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