Blogspot - justbewhoyouare-dev.blogspot.com - Just be who you are

Latest News:

एक रुका हुआ फैसला है .......... 14 Aug 2013 | 02:39 am

बहुत दूर चला गया था  आप से निकल के सोचा था की कभी नहीं लौटूंगा .... कभी नहीं .......चलता रहा ..... कभी थका तो ठहर के आराम किया ...... लेकिन पीछे देखा तो काँप गया .......भीड़ ........ ग़मों की, यादों क...

अब बारी तुम्हारी..... 29 Jul 2013 | 07:25 am

अब बारी तुम्हारी...... तुम्हारे शब्द जादू करते हैं.....तुमको पता है.....नहीं...तुमको पता नहीं होगा....आँख कब अपने आप को देख पाती है. अगरबत्ती तो एक कोने में जलती है.....घर पूरा महकता है.....मुहब्बत व...

कुछ अनकही.... 5 Jun 2013 | 07:15 pm

मेरा परिचय भी तोतुम्ही ने मुझसेकराया था....नहींमैं तो टुकड़ोंमें बँटी हुईज़िदगी जी रहा था....मैंने अपनीज़िन्दगी जी हीकब.....जब तुमनेअपने आप कोमुझको दिया...उस समयमैं ये सोच रहा थाकि मेरा कौनसा टुकडा तु...

कुछ अनकही.... 5 Jun 2013 | 07:15 pm

मेरा परिचय भी तोतुम्ही ने मुझसेकराया था....नहींमैं तो टुकड़ोंमें बँटी हुईज़िदगी जी रहा था....मैंने अपनीज़िन्दगी जी हीकब.....जब तुमनेअपने आप कोमुझको दिया...उस समयमैं ये सोच रहा थाकि मेरा कौनसा टुकडा तु...

कुछ अनकही.... 5 Jun 2013 | 07:13 pm

मेरा परिचय भी तोतुम्ही ने मुझसेकराया था....नहींमैं तो टुकड़ोंमें बँटी हुईज़िदगी जी रहा था....मैंने अपनीज़िन्दगी जी हीकब.....जब तुमनेअपने आप कोमुझको दिया...उस समयमैं ये सोच रहा थाकि मेरा कौनसा टुकडा तु...

कुछ अनकही.... 5 Jun 2013 | 07:12 pm

मेरा परिचय भी तोतुम्ही ने मुझसेकराया था....नहींमैं तो टुकड़ोंमें बँटी हुईज़िदगी जी रहा था....मैंने अपनीज़िन्दगी जी हीकब.....जब तुमनेअपने आप कोमुझको दिया...उस समयमैं ये सोच रहा थाकि मेरा कौनसा टुकडा तु...

कुछ अनकही.... 5 Jun 2013 | 07:12 pm

मेरा परिचय भी तोतुम्ही ने मुझसेकराया था....नहींमैं तो टुकड़ोंमें बँटी हुईज़िदगी जी रहा था....मैंने अपनीज़िन्दगी जी हीकब.....जब तुमनेअपने आप कोमुझको दिया...उस समयमैं ये सोच रहा थाकि मेरा कौनसा टुकडा तु...

इक आम आदमी.. 27 Mar 2013 | 04:17 pm

मैं सच कह  रहा हूँ की मैं झूठ बोलता हूँ ... हँसी आ गयी न ...... आनी  ही थी ..... कल एक शुभचिंतक से मुलाक़ात हो गयी ...... तो  उनका पहला स्वाभाविक सा सवाल ...कैसे हो .... अब बताइए मैं क्या जवाब दूँ ...

इक रुका हुआ फ़ैसला 26 Mar 2013 | 08:16 pm

बहुत दूर चला गया था  आप से निकल के सोचा था की कभी नहीं लौटूंगा .... कभी नहीं .......चलता रहा ..... कभी थका तो ठहर के आराम किया ...... लेकिन पीछे देखा तो काँप गया .......भीड़ ........ ग़मों की, यादों क...

आप की कसम। 17 Dec 2012 | 07:51 am

कब वो सुनता है कहानी मेरी, और फिर वो भी जुबानी मेरी ..... बात करने से बात बढती भी है , बात साफ़ होती है भी है और बात से बात निकलती भी है .....इसीलिए तो कहा है ....बात निकलेगी तो दूर तलक जायेगी .....म...

Related Keywords:

shikhadeepak.com

Recently parsed news:

Recent searches: