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बेवफा कांटें 20 Jul 2013 | 06:38 pm

प्रत्यक्ष गवाह हैं ये हरी पत्तियाँ जब  उन्मादी भवरे आये थे ... रस चूसने /फूलों का ये बेवफा कांटें दुबक कर सिर्फ देखते रहे   

मिस कॉल 3 Jun 2013 | 01:43 pm

अजी सुनिए.. आप चली गई ... कोई बात नहीं प्लीज़..... यादों का मिस कॉल मत भेजिए क्योकि मेरा दिल Vibrate  मोड  में आ जाता है //

ख्वाहिशों के आसमान में 5 Nov 2012 | 08:02 pm

मैंने ख्वाहिशों के आसमान में अपने दिल की कूची से तुम्हारी मुस्कुराहटों  का रंग लेकर इन्द्रधनुष बनाने की कोशिश की थी पर ... तुम्हारी एक ' ना'  ने कूची के दो टुकड़े क्र डाले.// मैं कोशिश करता रहूंगा ...

हथेली 4 Nov 2012 | 01:58 pm

अमूमन ... मुट्ठी पांच अँगुलियों से बनती है // .. पर जब.. तुम रख देती हो अपने पाँचों अंगुलियाँ मेरी अँगुलियों पर तब यह मुट्ठी दस अँगुलियों की बनी होती है .. जोश और ताकत से भरी //...

अब तुम जवाँ हो 31 Oct 2012 | 08:39 pm

जब तुम्हें देख ..... हवा सीटी बजाने लगे पहाड़ों पर जमी बर्फ पिघलने लगे और प्रणय -लीला में लीन मोर-मोरनी का जोड़ा ठीठक जाय यकीन मानों... अब समय आपके आँचल उड़ाने का नहीं रहा //

स्त्री 27 Oct 2012 | 02:24 pm

खिलते गुलाब सी चेहरे वाली चाँद सी दिखने वाली हरश्रृंगार के फूलों सी मुस्कुराने वाली कमल के पत्तों सी चिकनी त्वचा वाली मोरनी सी चलने वाली नवयौवना .... कभी नागिन भी बन सकती है // फिर भी मैं उनके कसीदे ...

गुमान 20 Oct 2012 | 09:05 pm

 इन गुलाबी होठों में बस्ती है मेरी जान अब प्यार करो या जारी कर दो फरमान // तुमसे मिलना ,एक अनजाने रब से मिलना आपको पाकर मुझे क्यों न हो  गुमान //

इन्द्रधनुष 20 Oct 2012 | 02:39 pm

अगर बूंदें न लटकती आसमान में तो इन्द्रधनुष ये कैसे बनता // अगर तुम न आती मेरे दिल में तो जिंदगी ये कैसे चलता //

सोहबत 16 Oct 2012 | 08:26 pm

मैं रूपोश  में फिरता था , रुआब के लुट जाने से आपकी सोहवत ने ,तो ,   मेरा रूतबा बढ़ा दिया // आपकी चहलकदमी से, शबनम को शबाब आ गया ज्योही रुख से नकाब हटा, सामने महताब आ गया // (रुआब -- रोब , रूपोश - मु...

लस्सी 11 Oct 2012 | 06:37 pm

तुम्हारी बातें .. आम के अंचार खाने जैसी लगती है या फिर ठेले पर बिक रही गुपचुप और चाट खाने जैसा कभी -कभी तुम्हारी बात इडली और माशालदोसे खाने जैसी लगती है // और कभी-कभी करेला का रस पीने जैसा // ऐसा कभी...

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