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इश्क तो नज़रों से शुरू होता है. 3 Jun 2013 | 10:19 pm

वो नकाब लगा कर खुद को इश्क से महफोज़  समझते , इतना भी नहीं  समझे इश्क चहरे से नहीं नजरो से शुरू होता है . वो जुबान बंद रखकर खुद को इश्क में बेजुबान समझते , इतना भी नहीं समझे इश्क जुबान की नजरो की बात...

इश्क तो नज़रों से शुरू होता है. 3 Jun 2013 | 10:19 pm

वो नकाब लगा कर खुद को इश्क से महफोज़  समझते , इतना भी नहीं  समझे इश्क चहरे से नहीं नजरो से शुरू होता है . वो जुबान बंद रखकर खुद को इश्क में बेजुबान समझते , इतना भी नहीं समझे इश्क जुबान की नजरो की बात...

तेरे ऑफिस दा में दा ई-कार्ड 7 Apr 2013 | 09:50 pm

तेरे ऑफिस दा में दा ई-कार्ड  सोनिये, डेस्क का तेरे में  पिन हो गया,, मॉनिटर से बड़ा मुखड़ा तेरा ,, हाये  देखते ही दिल ये स्लिप हो गया,,,, ओ मर गए यार दीवाने , तेरे पुराने ऑफिस वाले,, फॉर्मल पहनते है...

तेरे ऑफिस दा में दा ई-कार्ड 7 Apr 2013 | 09:50 pm

तेरे ऑफिस दा में दा ई-कार्ड  सोनिये, डेस्क का तेरे में  पिन हो गया,, मॉनिटर से बड़ा मुखड़ा तेरा ,, हाये  देखते ही दिल ये स्लिप हो गया,,,, ओ मर गए यार दीवाने , तेरे पुराने ऑफिस वाले,, फॉर्मल पहनते है...

साथ जो तुम हो तो ।।।। 13 Nov 2012 | 12:15 am

साथ तुम हो तो  कम हैं ये दूरियाँ भी,, साथ तुम हो तो  ना है चिंता कोई,, साथ तुम हो तो सब कुछ है अच्छा।। साथ जो तुम हो तो ।।।। साथ तुम हो तो ना है कोई मुशीबत बड़ी, साथ तुम हो हर दर्द हस कर स...

साथ जो तुम हो तो ।।।। 13 Nov 2012 | 12:15 am

साथ तुम हो तो  कम हैं ये दूरियाँ भी,, साथ तुम हो तो  ना है चिंता कोई,, साथ तुम हो तो सब कुछ है अच्छा।। साथ जो तुम हो तो ।।।। साथ तुम हो तो ना है कोई मुशीबत बड़ी, साथ तुम हो हर दर्द हस कर सह लूं ,...

बेबस आँखें 5 Mar 2012 | 01:22 am

"देखे थे कई सपने पर ना पता था जाना कहाँ था , देखे थे कई रास्ते पर ना पता था कितनी दूर हैं," एक ख्वाबों की दुनिया बसी थी इन आँखों में , एक ख्वाब  एक आस बसी थी इन आँखों में , एक जशन एक ख़ुशी बसी थ.....

"""बेबस आँखें"" 4 Mar 2012 | 04:22 pm

"देखे थे कई सपने पर ना पता था जाना कहाँ था , देखे थे कई रास्ते पर ना पता था कितनी दूर हैं," एक ख्वाबों की दुनिया बसी थी इन आँखों में , एक ख्वाब  एक आस बसी थी इन आँखों में , एक जशन एक ख़ुशी बसी थी ...

तेरी हर बात समझ सकता हूँ में, 30 Apr 2011 | 02:13 am

तेरी हर बात समझ सकता हूँ में, इस चेहरे के पीछे छुपा हर दर्द समझ सकता हूँ में, इस चेहरे के पीछे छुपा हर गम  समझ सकता हूँ में, रात भर जगे रहने की बात समझ सकता हूँ में.. तेरी इन् तनहाइयों की आहट को स...

तेरी हर बात समझ सकता हूँ में, 29 Apr 2011 | 07:13 pm

तेरी हर बात समझ सकता हूँ में, इस चेहरे के पीछे छुपा हर दर्द समझ सकता हूँ में, इस चेहरे के पीछे छुपा हर गम  समझ सकता हूँ में, रात भर जगे रहने की बात समझ सकता हूँ में.. तेरी इन् तनहाइयों की आहट को स...

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