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*Shero-Shayri*: उमर का ये पडाव कैसा है? 22 Dec 2012 | 04:31 pm

*Shero-Shayri*: उमर का ये पडाव कैसा है?

रात का सेहरा हो, उनपे ख्वाबों का पहरा हो... 18 Sep 2012 | 05:00 pm

रात का सेहरा हो, उनपे ख्वाबों का पहरा हो, आसमां मे बादल हों, और हवाओं मे ठण्ड गहरा हो, हर तरफ झरनों से कल कल कि आवाज आये, और फिजाओं मे एक हसीन चांन्द नजर आये, झुमे सारे पेड पौधे और चिडिया गीत गाये, ए...

माथे पे लगा के तिलक तेरे धूल का, ऐ मेरे वतन मै तुमको नमन करता हुं । 16 Apr 2012 | 02:21 am

माथे पे लगा के तिलक तेरे धूल का, ऐ मेरे वतन मै तुमको नमन करता हुं । तुम्हारे हि दिये हुए गंगा जल से, मै अपने तन-मन को धुलता हुं ॥ तुझमे हि समायी है पुरी दुनिया मेरी, तेरे दिये अन्न से मै अपना जिविको...

ए हमसफर, मुझको तेरी हि एक तलाश है, 24 Feb 2012 | 06:35 am

ए हमसफर, मुझको तेरी हि एक तलाश है, बिछ्ड के फिर मिलने को, मेरी एक आस है । दुर है बहुत तु कहिं मुझसे, फिर भी मुझको तेरी हि एक तलाश है ॥ ए हमसफर, मुझे तेरी ही, अब एक आस है, खुशियां तो है, फिर भी चेहरा...

उम्मीद है अभी भी उन पर..... 29 Jan 2012 | 11:47 pm

उम्मीद है अभी भी उन पर, की वो मेरे प्यार का कतल कभी ना करेंगी । राह चलते जिंदगी की सफर मे, वो मुझे अकेला कभी ना करेंगी ॥ भरोसा जितना कल तक था, उतना ही आज भी है मुझको उन पर, की सरे बाजार वो मेरी मोहब्ब...

जो दिया है तुने ऐ मेरे वतन... 26 Jan 2012 | 04:58 am

जो दिया है तुने ऐ मेरे वतन, ये जीवन मै तुझको समर्पित करता हुं । ऐ मेरे वतन मै तेरी खुशियों के लिये, आज मै अपनी खुशी का कतल करता हुं ॥ दिला के रहुंगा तेरा हर वो सम्मान, आज ये मै खुद से वचन लेता हुं ॥। ...

खेता रहा मै अपनी नावं... 22 Jan 2012 | 12:36 am

खेता रहा मै अपनी नावं, अपने उम्मीदों के भवंर मे । अब तक मंजिल ना मिली मुझे, मेरे सपनो के सहर मे ।। झूमता रहा मै अब तक, आंसुओ कि मोती लिये, जो कभी मीला अपनो कि खुशी, तो कभी जिंदगी के गम मे ॥। लेखक : र...

कोई तो होता जो आज मेरे दिल कि फरियाद सुनता, 19 Jan 2012 | 02:49 am

कोई तो होता जो आज मेरे दिल कि फरियाद सुनता, कितना अकेला हु मै ये कोई मेरे दिल से आज सुनता । चारों तरफ अपनो का साया है, फिर भी ना जाने मेरे जीवन मे ये अकेलापन आज क्युं आया है ॥ कोई तो होता जो मेरे दिल ...

सोच कर वो बीता बचपन....... 10 Jan 2012 | 08:17 pm

सोच कर वो बीता बचपन, खिल जाता है मेरा चेहरा । दुर से हि देख स्कुल को, याद आ जाता है वो दिन गुजरा ।। छलक जाते है आंसु, लाख पलको से पहरे देने के बावजूद । जब भी याद आता है लम्हा, वो दोस्तो के संग मेरा गु...

मां ...ओह मेरी मां, 2 Jan 2012 | 07:21 am

मां ...ओह मेरी मां, तुझसे हि तो है ये मेरी खुशियों का ये जमाना, बचपन मे वो तेरा मेरी अंगुलियों को पकड मुझे चलना सिखाना, तेरा वो अपनी आंचल मे मुझे दर्द मे भी सुकुन से सुलाना, तेरी ममता का कोई अंत नहि...

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