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एहसास तुम्हारे होने का 21 May 2012 | 02:08 pm

तुम चली गयी, पर गयी नहीं, एहसास तुम्हारे होने का। दिल के खाली उस कोने का, वो दर्द तुम्हारे खोने का। गुमशुम हूँ,चुप हूँ,खोया हूँ, एकाकीपन में रोया हूँ, कभी शाम ढ़ले फिर आओगी, पलकों पे सपने बोया...

काव्य संग्रह "मेरे बाद" का लोकार्पण समारोह 23 Apr 2012 | 06:19 am

आप सभी श्रेष्ठजनों के आशीर्वाद से मेरे प्रथम काव्य संग्रह "मेरे बाद" का लोकार्पण कार्यक्रम 15.04.2012 को समपन्न हुआ।इस अवसर पर माननीय सदर एस.डी.ओ और वरिष्ठ साहित्यकार एवं कवि उपस्थित थे साथ ही शहर के ...

तुम्हारी धुन पर नाचे आज मेरे गीत.... 24 Mar 2012 | 05:21 pm

तुम्हारी धुन पर नाचे आज मेरे गीत, कहो तुम हो कहाँ ओ व्याकुल मन के मीत। झंकृत है ये तन,मन और जीवन, हो रहा है ह्रदय नर्तन, थिरक कर कर रही कोशिश, झूमने की आज दर्पण। होंठों पर सुरमयी शब्द के, अक्षर...

एक पौधा तुलसी का 25 Feb 2012 | 06:58 am

मेरे आंगन में मुरझाते हुये तुलसी पौधे को समर्पित...... एक पौधा तुलसी का, आँगन में मेरे। प्रार्थना,आराधना करता रहा है। सुख के क्षण में प्राण वायु दान बन, क्लेश में संताप से मरता रहा है। अपने जड़ ...

मेरे दुख तूने साथ निभाया 20 Feb 2012 | 06:20 am

मेरे दुख तूने साथ निभाया। तब जब कोई न था अपना, टूट चुका था हर एक सपना। घर था पर न थी छत ऊपर, बारिश से भींगा तन तर,तर। अन्न नहीं थे,वस्त्र नहीं थे, आँसू के दो बूँद सही थे। खारेपन में अपनत्व मिला...

रात को आभास है स्वर्णिम सुबह की 1 Feb 2012 | 01:53 am

रात को आभास है स्वर्णिम सुबह की। तीमिर है काली,भयानक पास आती, नयनों की ज्योति है जैसे दूर जाती। थक गया है प्राण और निर्माण सारा, बोझ से दब सी गयी है सब की छाती। वह जो मुस्कुरा रहा है देख मुझको, ...

हे देव..... 21 Jan 2012 | 02:36 am

हे देव! तुम्हारी बाँसुरी में आखिर कैसा जादू है, मै हरदम सोई रहती हूँ,नशे में खोई रहती हूँ। जब भी तुम मेरे मन के उपवन में हौले से आते हो, और अपनी नटखट अदाओं से मुझे दिवाना बनाते हो। ऐसा लगता है कि ...

दर्द की नायिका 28 Dec 2011 | 04:58 am

तुम दर्द की नायिका, और मै नायक उस अभिनय का, जहाँ बस दर्द के ही रास्ते पे, चलता रहा हूँ मै। छुपा लिया है मैने, दर्द की इक पुरानी, नदी दिल में कही। जो कभी कभी बूंदे बनकर, बहती रहती है मेरी इन आँ...

गीत तुमको ढ़ूँढ़ता है 23 Dec 2011 | 04:26 am

आखिरी पल का अकेला, गीत तुमको ढ़ूँढ़ता है। रुक न जाये श्वास वेला, मीत तुमको ढ़ूँढ़ता है। स्नेह का आकाश अब भी, नेह का दो बूँद माँगे, अश्रु का प्रवाह बह-बह, नैनों की फिर बाँध लाँघे। सिसकियाँ देती...

रुला के तुमको खुद रो दिया मै 8 Dec 2011 | 08:17 pm

मेरी सौवीं पोस्ट....... रुला के तुमको खुद रो दिया मै, गुनाह ये कैसा किया मैने। बेवजह अश्रु के मोतियों को, तेरे नैनों में भर दिया मैने। दर्द देकर दर्द की ही, इक नदी में बह गया मै। रुला के तुमको खुद...

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