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"रासरचैया कहकर मत बदनाम करो" (डॉ.रूपचन्द्र शास्त्री 'मयंक') 27 Aug 2013 | 03:36 pm

योगिराज का सारे जग में, इतना मत अपमान करो। कृष्णचन्द्र को रासरचैया, कहकर मत बदनाम करो।। कर्म प्रधान बताया जिसने, गीता का शुभज्ञान दिया, भाई-बहन के पावन सम्बन्धों का जिसने मान किया, मानवता के उस प....

"भारत माँ आजाद हो गयी...!" (डॉ.रूपचन्द्र शास्त्री 'मयंक') 26 Aug 2013 | 05:22 pm

अंग्रेजों के चंगुल से तो, भारत माँ आजाद हो गयी! लेकिन काले अंग्रेजों के, जुल्मों से नाशाद हो गयी।। आज वाटिका के माली के, कपड़े उजले, दिल हैं काले, मसल रहे भोले सुमनों को, बनकर ये हाथी मतवाले...

"खरगोश" (डॉ.रूपचन्द्र शास्त्री 'मयंक') 25 Aug 2013 | 06:24 pm

रूई जैसा कोमल-कोमल, लगता कितना प्यारा है। बड़े-बड़े कानों वाला, सुन्दर खरगोश हमारा है।। बहुत प्यार से मैं इसको, गोदी में बैठाता हूँ। बागीचे की हरी घास, मैं इसको रोज खिलाता हूँ।। मस्ती में भ...

"फोटोफीचर कुमुद" (डॉ.रूपचन्द्र शास्त्री 'मयंक') 24 Aug 2013 | 10:47 am

फोटो फीचर बच्चों तुम धोखा मत खाना! कमल नहीं इनको बतलाना!! शाम ढली तो ये ऐसे थे। दोनों बन्द कली जैसे थे।। जैसे-जैसे हुआ अंधेरा। खुलता गया कली का चेहरा।। बढ़ती रही सरल मुस्कानें। रूप अनोखा लगीं ...

"चले थामने लहरों को" (डॉ.रूपचन्द्र शास्त्री 'मयंक') 23 Aug 2013 | 05:40 pm

चौकीदारी मिली खेत की, अन्धे-गूँगे-बहरों को। चोटी पर बैठे मचान की, लगा रहे हैं पहरों को।। घात लगाकर मित्र-पड़ोसी, धरा हमारी लील रहे, पर बापू के मौन-मनस्वी, देते उनको ढील रहे, बोल न पाये, ना सुन पाय...

"बच्चे बचपन याद दिलाते" (डॉ.रूपचन्द्र शास्त्री 'मयंक') 22 Aug 2013 | 06:20 pm

सीधा-सादा, भोला-भाला। बचपन होता बहुत निराला।। बच्चे सच्चे और सलोने। बच्चे होते स्वयं खिलौने।। पल में रूठें, पल में मानें। बच्चे बैर कभी ना ठानें।। किलकारी से घर गुंजाते। धमा-चौकड़ी खूब मचाते।। ...

"तेरा उच्चारण थम जाये" (डॉ.रूपचन्द्र शास्त्री 'मयंक') 22 Aug 2013 | 06:50 am

गीत चुराने वाले पामर! तू माँ का वरदान ना पाये। इस जीवन में कभी न तुझको, कविता-छन्द बनाना आये।। जो करता माँ का आराधन, शब्दों का वो ही पाता धन, नहीं चोर का उपवन खिलता, सुख का वैभव कभी न मिलता, जब ...

"भावनाओं की हैं ये लड़ी राखियाँ" (डॉ.रूपचन्द्र शास्त्री 'मयंक') 20 Aug 2013 | 03:50 pm

जूट की सूत की चाहे रेशम की हों, प्यार की डोर हैं हथकड़ी राखियाँ। कच्चा धागा इन्हें मत समझना कभी, भावनाओं की हैं ये लड़ी राखियाँ। माँ की गोदी में पलकर बड़े हो गये, एक आँगन में चलकर खड़े हो गये. ध...

"भाई बहन का प्यार" (डॉ.रूपचन्द्र शास्त्री 'मयंक') 20 Aug 2013 | 06:17 am

भाई-बहन के प्रेम का, राखी का त्यौहार। कच्चे धागों में बँधा, रिश्तों का संसार।‍१। -- सबसे पावन जगत में, भाई बहन का प्यार। बहनें देती भाई को, राखी का उपहार।२। -- बहनें करती भाई से, रक्षा की मनुहार...

"सिकन्दर राह दे देंगे" (डॉ. रूपचन्द्र शास्त्री ‘मयंक’) 18 Aug 2013 | 09:09 pm

स्वयं मिट जायेगी दूरी, अगर है कामना सच्ची। मिलेगी प्यार की नेमत, अगर है भावना अच्छी।। जलेंगे दीप खुशियों के, अगर हो स्नेह की बाती। बनेंगे गैर भी अपने, अगर हो नेह की पाती।। इरादे नेक होंगे तो, समन्दर...

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